Self-help | आत्मनिर्भर

दुबले-पतले होने के कारण और उससे होने वाली परेशानियाँ

Reasons of Being Thin & It’s Problems |दुबले- पतले होने के कारण और उससे होने वाली परेशानियाँ का सही और सटीक ज्ञान आपको इस लेख द्ववारा प्रप्‍त होगा। यदि आप अपने दुबलेपन (Leanness) से छूटकारा पाना चाहते हैं। तो पहले आपको अपने दुबले-पतले होने के कारणों | Reasons for being thin को जाना चाहिए। आज के युग में किसी भी विषय की सही जानकारी होने का अर्थ है, आपने आधी जंग जीत ली और आधी जंग आप अपने पुरूषार्थ (efforts) द्वारा जीत सकते हैं। तो शुरू करते हैं…..

कोई व्‍यक्ति मोटा है या पतला इसका निर्धारण कैसे करें? | How to decide whether a person is overweight or underweight?

Reasons of Being Thin & It’s Problems |दुबले-पतले होने के कारण और उससे होने वाली परेशानियो’ को जानने से पहले यह निश्‍चित करना होगा कि कोई व्‍यक्ति मोटा है या पतला?

इस बात का पता हम दो तरह से लगा सकते हैं।

1. देखकर | Just by looking

किसी व्‍यक्ति या उसकी छवि को देखकर हम बडी सरलता से बता सकते हैं कि कौन-सा व्‍यक्ति मोटा हैं और कौन-सा पतला। क्‍योंकि मोटे व्‍यक्ति का शरीर गोलाई (मोटाई) लिए होता है। वहीं दूसरी तरफ दुबले पतले व्‍यक्ति के शरीर में हड्डियाँ और नसें निकली दिखाई देती है।

2. बॉडी मांस इंडेक्‍स के द्वार | By Body Mass Index (BMI)

कोई व्‍यक्ति मोटा हैं अथवा पतला इस बात का पता हम उसके बॉडी मांस इंडेक्‍स (Body mass index) के द्वार भी लगा सकते हैं। इसके लिए हमें व्‍यक्ति के बॉडी मांस इंडेक्‍स की गणना करनी होगी और उसकी तुलना तय मानकों से करनी होगी।

BMI categorization
BMI categorization

ध्‍यान दें— यहाँ इस बात का भी उल्‍लेख करना अनिवार्य है कि BMI कैलकुलेटर की अपनी कुछ सीमाएँ हैं। BMI की अधिक जानकारी के लिए आप हमारे इस लेख को पढ़े- बॉडी मांस इंडेक्स की संपूर्ण जानकारी | Everything about Body Mass Index (BMI)

दुबले- पतले (कम वज़न) होने के कारण | Reasons for being thin

जब इस बात का निर्धारण हो जाएँ कि आप दुबले- पतले हैं,  तब आपको पहले अपने दुबले- पतले होने के कारण को खोजना होगा। क्‍योंकि हर व्‍यक्ति के पतले-दुबले होने का कारण भिन्‍न- भिन्‍न होता है। जब हमें कारण पता होता है तो हम उसका निवारण सरलता से कर सकते है। आप नीचे दिए गए कारणों में से अपने पतले होने के कारण को स्‍वयं खोजें—

(i) अनुवांशि‍क कारण | Genetic reasons

अनुवां‍शिक मतलब वंशानुगत परंपरा से एक पीढी से दूसरी पीढी में प्रजनन द्वारा संचित होकर आए गुण या विशेषताएँ। सरल शब्‍दों में इसे आप यू समझें- यदि आपके माता- पिता दुबले-पतले हैं तो आपके शरीर की सरंचना भी उन्‍हीं के जैसी होगी।

समाधान : यदि आप स्‍वयं को इस अवस्‍था में पाते हैं तो आप निराश ना हो। यकीन मानीए आप अपने व्‍यवहार द्वारा अपनी काया में कुछ परिवर्तन आवश्‍य ला सकते हैं।

(ii) स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी कोई रोग | Any health related disease(s)

आपको यह जानना होगा कि कहीं आपको कोई ऐसा रोग तो नहीं हैं,  जिसके कारण आपका वेट नहीं बढ़ पा रहा। विज्ञान यह मानता है कि ऐसे कुछ रोग हैं जिनकी वजह से व्‍यक्ति का शरीर दुबला-पतला रहता है। हम आपकी सुविधा के लिए उन रोगों की सूची नीचे दे रहें हैं। ताकि आप स्‍वयं जान सके कि इन रोगों में से कोई रोग तो आपको नहीं।

  • डायबिटीज | Diabetes
  • हाइपरथायरॉयडिज़्म | Hyperthyroidism
  • टयूबरक्‍लॉसिस / तपेदिक | Tuberculosis
  • लीवर / जिगर की बीमारी | Liver disease
  • डिप्रेशन | Depression
  • फेफड़ो संबंधित रोग | Lung disease
  • हार्मोन संबंधी विकार | Hormonal disorders  

ध्‍यान दें : कुछ लोगों को यह गलतफहमी (wrong perception) होती है कि दुबलेपन के कारण यह रोग हो जाते हैं। जबकि सचाई यह हैं कि यदि आप इन में से किसी एक भी रोग से ग्रसित होंगे तो आप कम वज़न के हो सकते हैं। मतलब आपके दुबले- पतले होने के पीछे यह रोग हैं।      

समाधान : इन में से कोई रोग आपको हैं  तो आपको अपने डॉक्‍टर से संर्पक करना होगा। डॉक्‍टर के द्वारा बताई गई दवाईयों के साथ-साथ आपको वज़न बढ़ाने के प्रयास जारी रखने होंगे। दूसरी तरफ यदि आपको इनमें से कोई रोग नहीं हैं तो निश्‍चित ही आपके दुबले- पतले होने का कारण आप स्‍वयं हैं। आपने अपना लाइफस्‍टाइल इस प्रकार का बना रखा है, जो आपके शरीर को हृष्‍ट-पुष्‍ट नहीं बनने दे रहा। आपको अपनी जीवन शैली (Lifestyle) को ठीक करने की अवश्‍यकता हैं।   

(iii) अपनी जीवन शैली की जाँच करें | Check your Lifestyle

गलत जीवन शैली से तात्‍पर्य हैं कि आप अपनी दैनिक दिनचर्या में ऐसा कुछ कर रहें हैं जिसके परिणाम स्‍वरूप आपका वज़न नहीं बढ़ पा रहा। किंतु आपको इस बात की जानकारी ही नहीं है। अब हम नीचे आपकी सुविधा के लिए लाइफ़स्‍टाइल से जुड़े 15 प्रश्‍न दें रहें हैं जिनका उत्‍तर देकर आप स्‍वयं जान जाएंगे कि आप के वज़न कम होने के पीछे कौन- कौन से कारण हो सकते हैं?

दैनिक दिनचर्या से जुड़े प्रश्‍न

Q–1) आप प्रतिदिन 7 से 8 घंटे की पूरी नींद लेते हैं? | Do you take 7-8 hours of sleep?

Q– 2) आप देर से सोकर तो नहीं उठते? | Do you wake up late in the morning?

Q– 3) आपका पेट सुबह अपने आप साफ़ हो जाता है? Dose your stomach gets clear in the morning?

Q– 4) आपको कब्ज़ की शिकायत तो नहीं रहती? | Do you have constipation?

Q– 5) आपके पेट में कीड़े तो नहीं हैं? | Do you have worms in your stomach?

Q–6) क्‍या आप व्‍यायाम या एक्‍सरसाइज करते हैं? | Do you do yoga or exercise regularly?

Q–7) क्‍या आप अधिक तनाव या डिप्रेशन का अनुभव तो नहीं करते? | Do you feel excessive amount of depression or anxiety?

आपके आहार से जुड़े प्रश्‍न

Q– 1) क्‍या आप तीनों समय का भोजन लेते हैं? | Do you take all 3 meals?

Q– 2) कहीं आप एक ही प्रकार का भोजन तो नहीं करतें? Do you eat the same kind of food every day?  

Q– 3) क्‍या आप संतुलित आहार को अपने भोजन में शामिल करते हैं? | Do you follow a balanced diet?

Q– 4) आप अधिकतर समय भूखे पेट तो नहीं रहतें? | Do feel empty stomach most of the time?

Q– 5) क्‍या आप अपने भोजन को बिना चबाए जल्‍दी- जल्‍दी तो नहीं खाते? | Do you chew your food enough times?

Q– 6) आप ब्रेकफास्‍ट, लंच या डिनर के तुरंत बाद पानी तो नहीं पीते? | Do you drink water right after a breakfast, lunch or dinner?

Q–7) कहीं आपको अधिक भूख तो नहीं लगती? | Do you feel hungry all the time?

Q–8 क्‍या आप ड़ि‍ब्‍बा बंद खाद्य पदार्थों और जंक फूड़ का बहुत अधिक मात्रा में सेवन तो नहीं करते? | Do you consumer a lot of packed food?

यह सभी प्रश्‍न आपस में एक दूसरे से इतना अधिक जुड़े हैं कि एक का प्रभाव दूसरे पर पड़ना तय हैं। इस लिए इन्‍हें हम लाइफ़स्‍टाइल कह कर संबोधित करते हैं। आप का शरीर वर्तमान समय में जिस भी स्थिति (present shape) में है। सच मानीए इसके लिए आपका लाइफ़स्‍टाइल ही जिम्‍मेदार हैं।

दुबले- पतले होने के कारण होने वाली परेशानियाँ| Problems caused by being thin

दुबले- पतले (कम वज़न) होने के कारण व्‍यक्तियों को जिन परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं उन्‍हें हम दो भागों में बाँट कर सरलता से समझ सकते हैं।  

कम वज़न के कारण होने वाली सामाजिक समस्‍याएँ | Social problems caused by being underweight 

1. शरीर की खराब छवि | Poor body image

जब व्‍यक्ति दुबला पतला होता है, तो उसके शरीर में हड्डियाँ और नसें दिखाई देती है। पुरूषों के मसल्‍स (muscles) और महिलाओं के वक्ष स्‍थल (breast) में उभार नहीं दिखाई देता। जिस कारण वह सुंदर नहीं दिखता।

2. आत्‍मविश्वास में कमी | Poor self-confidence

कम वज़न वाले व्‍यक्तियों में अक्‍सर यह हीन भावना पाई जाती है कि वह सुंदर नहीं है। जिस कारण उनमें आत्‍मविश्‍वास की कमी देखी जाती है।

3. सामाजिक एकांत | Social Isolation  

पतले व्‍यकितयों (Thin peoples) में अपनी सुंदरता को लेकर हीन भावना आ जाती है। जिसके कारण वह अपने आपको समाज से अलग कर लेते है। उन्‍हें अकेले रहना अधिक अच्‍छा लगने लगता है।

4. शादी में समस्‍या | Problem(s) with marriage

अक्‍सर यह देखा जाता है कि दुबले- पतले व्‍यक्तियों को योग्‍य जीवन साथी (spouse) मिलने में कठिनाई होती है। कम वज़न वाली महिलाओं को गर्भधारण करने में काफी समस्‍या आती है।   

5. अवसाद | Depression

दुबले व्‍यक्ति अक्‍सर डिप्रेशन का शिकार बड़ी असानी से हो जाते हैं। क्‍योंकि उन्‍हें यह लगने लगता है कि वह दिखने में सुंदर नहीं हैं कोई उनसे बात नहीं करना चाहता इस कारण वह डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं।

6. ताकत का अभाव | Lack of strength

पतले व्‍यक्तियों को अपने शरीर के अंगो में ताकत का अभाव महसूस होता है। वह बहुत जल्‍दी थक जाते हैं।

7. कई नौकरियों के लिए अनुपयुक्‍त | Unsuitable for many jobs

पतले व्‍यक्ति कई नौकरियों के लिए योग्‍य नहीं होते हैं। क्‍योंकि उनमें ताकत (strength) और सहनशीलता (stamina) का अभाव होता है।

कम वज़न के कारण होने वाले रोग | Health disease caused by being Underweight

लोगों को यह भ्रम होता है कि अधिक वज़न होने के कारण ही व्‍यकित को रोग होते हैं। जबकि ऐसा नहीं है। कम वज़न के कारण भी रोग होते हैं। जैसे-

1. रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्‍यून सिस्‍टम) का कमजोर होना  | Weak immune system

कम वज़न वाले व्‍यक्तियों में ताकत की कमी होती है। जरा सा मौसम में बदलाव होने पर वह जल्‍दी बीमार हो जाते हैं। प्राय: देखा जाता है कि उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती।   

2. हड्डियाँ कमजोर होना  | Bone weakening

दुबले-पतले व्‍यक्तियों के शरीर में वसा (फैट) की कमी होती हैं। वे कुपोषण का शिकार होते हैं। जिस कारण जरा-सी चोट लगने से उन की हड्डियाँ टूटने का खतरा रहता हैं या उनमें सूजन आ सकती है।

3. आयरन की कमी होना  | Iron deficiency

दुबलेपन के शिकार व्‍यक्ति के भोजन में संतुलित आहार की कमी होती है। जिस कारण उनमें आयरन की मात्रा कम हो जाती है। आयरन हीमोग्‍लोबिन के निर्माण के लिए आवश्‍यक होता है। हीमोग्‍लोबिन एक प्रकार का प्रोटीन होता है। जो पूरे शरीर में ऑक्‍सीजन पहुँचाने में लाल रक्‍त कोशिकाओं की मदद करता है। हीमोग्लोबिन की कमी से शरीर में एनीमिया का रोग भी हो सकता।     

4. हृदय से संबंधित रोग होने  |Cardiovascular problems

प्राय: दुबले- पतले व्‍यक्ति अक्‍सर अपना वज़न बढ़ाने के लिए जंक फूड और तला भूना खाने लगते हैं। जिस कारण उनके शरीर में विसरल फैट की मात्रा बढ़ जाती है। जिससे उन्‍हें हृदय संबं‍धित रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। विसरल फैट के विषय में अधिक जानने के लिए आप फैट (वसा) के प्रकार : फायदें और नुकसान | Types of fat : Benefit & dangers  लेख को पढ़े।

5. थकावट होना  | Experiencing Tiredness

कम वज़न वाले व्‍यक्तियों में ताकत की कमी होती है। आयरन की मात्रा भी कम हो जाती है। जिस कारण उन्‍हें जरा सा काम करने के उपरांत थकावट अनुभव होने लगती है। 

6. चिड़चड़ापन आना  | Feeling Irritated all the time

दुबलेपन से ग्रसित व्‍यक्ति अपनी खराब छवि और कमज़ोर शरीर के कारण जरा- जरा सी बात पर अक्‍सर चिड़ जाते हैं।

7. प्रजननशक्ति मे बाधा | Problems to reproduce

अधिकतर दुबली पतली महिलाओं को गर्भधारण करने के समय काफी परेशनियों का सामना करना पड़ता है। गर्भवती होने के समय कुपोषण का शिकार हो सकती हैं। जिस का प्रभाव उनकी होने वाली संतान पर पड़ता है।  

8. भोजन विकार |  Eating  disorder

Reasons of Being Thin & It’s Problems |दुबले-पतले होने के कारण और उससे होने वाली परेशानियो का एक प्रमुख कारण भोजन विकार भी है। भोजन विकार अधिकतर कम वज़न वाले व्‍यक्तियों में पाया जाता है। इसमें भोजन से संबंधित कई असाधारण और खराब आदतें व्‍यक्तियों में आ जाती हैं। जो मानसिक विकारों का रूप ले लेती हैं। कम वज़न वाला व्‍यक्ति असामान्‍य रूप से अपने खान-पान और शरीर के साथ असाधारण व्‍यवहार करने लग जाता हैं। जिसका उनके स्‍वास्‍थ्‍य  पर नकारात्‍मक प्रभाव पड़ता है। यह रोग किसी भी आयु में,  किसी भी पुरूष और महिला को हो सकता है।

(i) एनोरेक्सिया नर्वोसा | Anorexia nervosa

 इस रोग में व्‍यक्ति अपने शरीर की आकृति और वज़न को नियंत्रित करने के लिए अत्‍यधिक प्रयास करते हैं। इस रोग में व्‍यक्ति आसाधरण रूप से शरीर के आकार और वज़न के बढ़ने या घटने की धारणा बना लेता है। जिससे उसके जीवन की गतिविधियाँ प्रभावित होती हैं।

(ii) बुलिमिया नर्वोसा | Bulimia nervosa  

इस रोग में दुबले-पतले व्‍यक्ति अपनी छवि को सुघारने के लिए कम समय में अधिक भोजन करने का प्रयास करते हैं।  ताकि वह अधिक कैलॉरी का उपयोग कर अपना वज़न बढ़ा सके। किंतु इसके कारण उन्‍हें पाचन संबंधित परेशानियाँ भी हो सकती हैं। जैसे- उल्‍टी आना, दस्‍त लगना, मेटाबॉलिज़्म में गड़बड़ी होना आदि।

(iii) अधिक खाने का विकार | Binge- eating disorder

इस मानसिक विकार में व्‍यक्ति अपने वज़न बढ़ाने के लिए अधिक भोजन करने लगता है। जब वह ऐसा नियमित रूप से करता है, तो उसे अपनी खाने की लत पर नियंत्रण नहीं रहता। वह भूख ना होने पर भी जल्‍दी- जल्‍दी और अधिक भोजन खा जाता है। वह तब तक भोजन खा सकता है जब तक कि वह बेहोश ना हो जाए। भले ही बाद में उसे इसके लिए शर्मिंदगी ही क्‍यों ना उठानी पड़े। अपनी शर्मिंदगी छुपाने के लिए वह अकेले में बैठ कर खाना खाने लग जाता है। ऐसा अक्‍सर वह सप्‍ताह में एक बार करता है।  

निष्‍कर्ष | Conclusion       

आशा है अब आप ‘दुबले- पतले होने के कारणों को और उससे होने वाली परेशानियों’ को अधिक बेहतर तरीके से जान गए होंगे। आपकेे सारे भ्रम दूर हो गए होंगे। सही मायनों में अब आप अपने वज़न को बढ़ाने की दिशा में सही सोच के साथ आगे बढ़ पाने के लिए तैयार हैं। अपने वज़न को बढ़ाने के लिए आपको हमारी यह पोस्‍ट ‘Weight Gain Tips | वज़न बढ़ाने के टिप्‍सको पढ़ना चाहिए।

आशा करते हैं कि यह जानकारी आपको कम ज़न के कारणों और उससे होने वाली परेशानियों को जानने में सहायक होगी। यदि यह जानकारी आपको अच्‍छी लगी हो तो कृपा अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें। इस जानकारी को अपने मित्रों और परिवार वालों के साथ इसे Facebook , Tweeter, Quora पर शेयर जरूर करें।

धन्‍यवाद !

Nalini Bahl

मैं Nalini Bahl, Paramhindi.com की Author & Founder हूँ।  मैने Delhi University से बी. कॉम और IGNOU से एम. ए. हिंदी किया है। मैं गंगा इंटरनेशनल स्‍कूल की एक ब्रांच की पूर्व अध्‍यापिका हूँ। पिछले कई वर्षों से मैं स्‍कूली पुस्‍तकें छापने वाले, कई प्रसिद्ध प्रकाशकों के साथ काम किया है। स्‍व‍तंत्र लेखक के रूप में कार्य करते हुए, मैंने कई हिंदी पाठ्य पुस्‍तकों और व्‍याकरण की पुस्‍तकों की रचना की है। मुझे नई-नई जानकारियाँ प्राप्‍त करना और उसे दूसरों के साथ बाँटना अच्‍छा लगता है।

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