पैदल चलने के 15 चौका देने वाले फायदे
पैदल चलने के 15 चौका देने वाले फायदे को जानने से पहले हम आपका ध्यान चिकित्सा जगत की कुछ महान हस्तियों के कथनो (quote) की ओर ध्यान आकर्षित करान चाहते हैं। ताकि आप पैदल चलने के महत्व को भली-भांति समझ सकें।
हेल्थ एक्सपर्ट के कथन
चिकित्सा जगत के जनक ‘हिपोक्रटिकस’ के अनुसार-
पैदल चलना अच्छी दवा है।
जनरल फीजिशन, डॉ.के.के. अग्रवाल के अनुसार-
रोजाना पैदल चलने से शरीर में ‘एंडोर्फिन’ नामक हार्मोन का रिसाव होता है। जिसे ‘फील गुड’हार्मोंन भी कहते हैं। इसके रिलीज होने से व्यक्ति के मूड में सुधार होता है। यदि व्यक्ति पेड़-पौधों के बीच चलता है तो उसका ब्लड-प्रेशर भी नियंत्रित रहता है।
साइकॉलजिस्ट, आरती श्रॉफ के अनुसार-
पैदल चलने से ब्रेन में ‘सेरोटोनिन’ नामक केमिकल रिलीज होता है। इससे मानसिक रूप से अच्छा फील होता है।
मोटापा रोग विशेषज्ञ, डॉ.शशंक शाह के अनुसार-
पैदल चलने से ना केवल शरीर को मिलने वाली ऑक्सीजन की मात्रा में बढ़ोतरी होती है। बल्कि इससे ढेर सारी कैलॉरी भी बर्न होती हैं।
हड्डी रोग विशेषज्ञ, डॉ.बी.एस.राजपूत के अनुसार-
पैदल चलने से इंसान स्वास्थ्य रहता है। किंतु सुबह के समय पैदल चलने से शरीर को ‘विटामिन डी’ की भी प्राप्ति होती है। पर अर्थराइटिस की समस्या से परेशान लोगो को अधिक पैदल चलने से बचना चाहिए।
ऊपरोक्त सभी विशेषज्ञ हमें पैदल चलने के अलग-अलग फायदों को अपने अपने ढंग से बता रहें हैं। किंतु सबसे अहम बात {“हमें क्यों पैदल चलना चाहिए?”} जो हमें पता होनी चाहिए उसे बहुत ही सरल और सहज तरीके से समझाया है, भारत के मिलेट मैन, यानी की डॉ.खादर वली।
डॉ.खादर वली के अनुसार-
हमारे शरीर में ग्लूकोज की मात्रा का सही होना अनिवार्य है। यदि Glucose की मात्रा आवश्यकता से कम होगी तो हमारे शरीर के सभी अंग अपना-अपना काम ठीक ढंग से नहीं कर पाएँगे। या यूँ समझें कि हम जी नहीं पाएँगे। दूसरी तरफ यदि ग्लूकोज की मात्रा आवश्यकता से अधिक हमारे शरीर में हो जाएँगी। तब वह अतिरिक्त ग्लूकोज
ग्लूकोज की मात्रा अधिक होने से होने वाले रोग-
- मोटापा
- डायबिटीज
- उच्च बी पी
- हृदय रोग
यानी की ‘एक तरफ कुंआ और एक तरफ खाई’ वाली समस्या है।
इस स्मस्या का बस एक ही हल है- ‘शरीर में Glucose की सही मात्रा का होना। शरीर में Glucose की मात्रा को नियंत्रित करने के सबसे अच्छा तरीका है रोजाना पैदल चलना।डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्टस दोनों का मानना हैं- रोजाना पैदल चलना सबसे अच्छा व्यायाम है। समय समय पर विभिन्न रोगों पर किए गए शोधों की रिपोर्टस से भी एक बात साफ निकल कर आई कि रोजाना पैदल चलने से मरीजों की सेहत में सुधार होता है। आइए पैदल चलने पर हुए कुछ शोधों पर भी एक नज़र डालते चलते हैं….
पैदल चलने पर हुए प्रमुख शोध | Paidal chalane par hua pramukh shood
1. मेडिकल जर्नल ‘द लैंसेट’ में छपी रिपोर्ट के अनुसार प्रतिदिन 20 मिनट पैदल चलने से शरीर में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रण में किया जा सकता है। जिससे हृदय रोग से जुड़ी बीमारियों से बचाव होता है।
2. मेडिकल जर्नल ‘द लैंसेट’ में ही छपी एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार प्रतिदिन 2000 कदम चलने वाले व्यक्तियों में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों में 10% तक कम जोखिम कम होता है।
3. कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में 3,34,000 लोगों पर किए गए एक शोध के अनुसार रोज पैदल चलने से सेहत अच्छी रहती है और उम्र बढ़ती है।
4.अमेरिकन कैंसर सोसाइटी द्वारा की गई स्टडी के अनुसार एक सप्ताह में 6 घंटे पैदल चलने वाले व्यक्ति अधिक स्वास्थ रहते हैं।
5. वकाया मेडिकल कॉलेज जापान में हुई एक रिसर्च के अनुसार प्रतिदिन 10,000 कदम पैदल चलने से कोई भी व्यक्ति अपने रक्त चाप को नियंत्रित कर सकता है। इस रिसर्च में शोधकताओं ने Medium high blood-pressure वाले 83 व्यक्तियों पर एक प्रयोग किया। सभी प्रतिभागियों को 12 सप्ताह तक प्रतिदिन 10,000 कदम चलाया गया। अवधी के अंत में पाया गया कि सभी व्यक्तियों के high blood-pressure में महत्वपूर्ण कमी आ गई थी।
अभी तक हमने विज्ञानिको और और चिकित्सा जगत में हुई रिसचों के आधार पर पैदल चलने के लाभों को जाना। अब हम एक-एक कर विस्तार से पैदल चलने के स्वास्थ्य लाभों का विक्ष्लेषण अपनी एनालिटिकल बुद्धि से करेंगे-
क्या पैदल चलने से हृदय स्वास्थ्य रहता है? | Is Waking Improve Heart health in Hindi
हाँ, पैदल चलने से हमारा हृदय स्वास्थ्य रहता है क्योंकि पैदल चलने से शरीर को ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है। जिससे रक्त में भी ऑक्सीजन की स्पलाई बढ़ जाती है। स्पलाई के बढ़ने से blood vessels अपना काम ठीक ढ़ग से करने लगती हैं। परिणाम स्वरूप पैदल चलने से हमारा ह्दय स्वास्थ्य रहता हैं।
क्या वॉक करने से पाचन तंत्र में सुधार होता है? | Is Waking improve Digestion in Hindi?
यह सच है कि वॉक करने से हमारे पाचन तंत्र में सुधार होता है। वास्तव में जब हम चलते हैं तो शरीर के सभी अंग अपना- अपना कार्य करने लगते हैं। उन्हें अपने कार्य करने के लिए ऊर्जा की अवश्यकता होती है। दुसरी तरफ शरीर को पता है कि वह भोजन ही है जो उन्हें ऊर्जा देगा। इसीलिए अपने पाचन को सुधारने के लिए डॉक्टर हमें भोजन करने के बाद कुछ देर पैदल चलने की सलाह देते हैं।
क्या वॉकिग करने से डायबिटीज नियंत्रित रहती है? | Is Waking control Diabetes in Hindi?
बिलकुल वॉकिग करने से डायबिटीज नियंत्रित रहती है। वास्तव में डायबिटीज रोग होने का मुख्य कारण शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ना है। यदि हम शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रण में रखें। तो हम इस रोग से स्वयं को बचा सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रण में रखने का सबसे अच्छा उपाय है रोजाना पैदल चलना। यही कारण है कि विशेषज्ञ टाइप-2 डायबिटीज रोगियों को पैदल चलने की सलह देते हैं।
क्या पैदल चलने से मोटापा कम होता है? | Is Walking helps to reduce weight in Hindi?
जी हाँ! पैदल चलने से मोटापा कम होता है। जो लोग अपना मोटापा कम करना चाहते हैं, उनके लिए पैदल चलना किसी दवाई से कम नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब हम पैदल चलते हैं। तो हम अपने शरीर में एकत्र हो रही अतिरिक्त कैलॉरी को ट्राइग्लिसराइड्स बनने से रोक देते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप पहले तो शरीर में नया फैट बनना बंद होता है। फिर धीरे-धीरे पुराना जमा हुआ फैट कम होना शुरू हो जाता है। यदि आप इस विषय को और अधिक अच्छे से जानना चाहते हो तो आप हमारी पोस्ट वेट लॉस और फैट लॉस में अंतर पर क्लीक कर जान सकते हैं।
क्या पैदल चलने से कैंसर रोग में जीवित रहने की संभावना बढ़ती है? | Is Walking helps to increase life in cancer disease in Hindi?
हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है, पैदल चलना से कैंसर रोग में जीवित रहने की संभावना को बढ़ावा मिलता है। ‘द वल्ड कैंसर रिसर्च फंड’ के अंतगर्त हुई रिसचों से इस बात को बल मिलता है कि पैदल चलने या व्यायाम करने से कैंसर रूकता तो नहीं हैं पर कैंसर रोगियों के जिंदा रहने की संभावना में वृद्धि होती है। अस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑर टेक्नोलॉजी के शोधकताओं ने स्तन कैंसर के कुछ मरीजों पर 8 वर्ष तक 3 घंटे शारीरिक गतिविधियाँ करवाकर रिसर्च की गई। आठ साल बाद आए परिणामों से पता चला कि सभी कैंसर रोगियों की कैंसर से होने वाली मोत की संभावना कम थी।
क्या वॉक करने से हड्डियाँ मजबूत होती हैं? | Is Walking strengthens the bones of the body in Hindi?
यह तो आप सब जानते ही हैं कि हड्डियाँ हमारे शरीर को आकार देने का काम करती हैं। हड्डियों को मज़बूती मिलती हैं-कैल्शियम और विटामिन डी से। विटामिन डी की प्राप्ति का सबसे नैचुर तरीका है सुबह की सैर। कई रिसर्चों से इस बात की पुष्टि हो चुकी है। इसलिए रोजाना पैदल चलने से हड्डियाँ मजबूत होती हैं।
क्या पैदल चलने से शरीर की मांसपेशियाँ मजबूत होती है? | Is Walking strengthens the muscles of the body in Hindi?
जी हाँ! पैदल चलने से शरीर की मांसपेशियाँ भी मजबूत होती है। नई दिल्ली स्थित AIIMS अस्पताल के अस्थिरोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.राजेश मल्होत्रा के अनुसार – मांसपेशियों की अच्छी सेहत के लिए आवश्यक है कि शरीर में मूवमेंट होती रहे। क्योंकि मूवमेंट से ही दो हड्डियों के बीच फ्लूड का निर्माण होता है। जो कार्टिलेज के लिए पोषक तत्व का काम करता है। यदि शरीर में मूवमेंट नहीं होगी तो कार्टिलेज खराब होने लगेगी। इसलिए हमें अपने आप को मूवमेंट में रखने का सबसे सरल उपाय है पैदल चलना।
क्या पैदल चलने से हाई ब्लड प्रेशर कम होता है? | Is Walking reduce the High Blood Pressure in Hindi?
वॉकिंग या टहलने से हाई ब्लड प्रेशर यानी हापरटेंशन को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। एक रिसर्च से पता चला है कि रोजाना 1000 कदम चलने से सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर में लगभग 0.45 अंक कम होते हैं। टहलने से रक्त में एंडोर्फिन’ नामक हार्मोन का रिसाव होता है। जिसे ‘फील गुड’ हार्मोंन कहते हैं। यदि व्यक्ति पेड़-पौधों के बीच चलता है तो उसका ब्लड-प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता है। इसलिए यदि आप भी high blood pressure की समस्या से परेशान हैं तो आपको भी प्रतिदिन सैर करने की आदत बनानी चाहिए। अपने कदमों को फिटनैस ट्रैकर की सहायता से नापना चाहिए। तथा अपने बी पी की जांच नियमित अंतरालो के बाद करनी चाहिए।
क्या पैदल चलने से फेफडों की सेहत में सुधार होता है? | IS Walking good for Healthy Lungs in Hindi?
फेफडे यानी की लंग्स। जब हम पैदल चलते हैं तो हमारे शरीर में अधिक मात्रा में ऑक्सीजन अंदर जाती हैं और कार्बन डाइऑक्सइड बाहर आती है। इस प्रकिया से लंग्स अधिक फैलते और सिकुडते हैं। जिस कारण फेफडों से जुडी बीमारियाँ जैसे- अस्थमा, ब्रॉनकाइटिस, निमोनिया, टी बी, फेफडों का कैंसर इत्याद से हम अपनी सुरक्षा कर सकते हैं। इस बात की पुष्टि कई शोधों से हो चुकी हैं। अत: यह कहना उचति ही है कि पैदल चलने से फेफडों की सेहत में सुधार होता है।
क्या पैदल चलने से तनाव कम होता है? | Is Walk Reduce the Stress in life in Hindi?
पैदल चलने से शरीर की सभी कोशिकाओं की रिसेप्टेंस क्षमता में वृद्धि होती है। शरीर की सभी तंत्रिकाओं में गति आती हैं जिससे एक ओर तनाव हार्मोंन के उत्पादन में कमी आती है, तो दूसरी ओर बना हुआ तनाव सांस को बाहर छोड़ने के साथ बाहर निकल जाता है। इसलिए डॉक्टर और हेल्थ विशेषज्ञ डिप्रेशन के शिकार व्यक्तियों को टहलने की सलाह देते है।
क्या पैदल चलने से स्मरण शक्ति बढ़ती है? | Is Walking Increases the Memory power in Hindi?
अधिक आयु वाले व्यक्तियों में अल्ज़ाइमर रोग होने की संभावना अधिक हाती हैं। इस रोग के कारण उम्र बड़ने के कारण वृद्ध व्यक्तियों में याददाश्त में कमी देखी जाती है। अल्ज़ाइमर रोग होने का कारण मस्तिष्क में ‘हिप्पोकैम्पस तंत्रिका’ की कार्य प्रणाली में खराबी आन है। तंत्रिका वैज्ञानिकों के अनुसार ‘हिप्पोकैम्पस तंत्रिका’ का काम है- नई स्मृतियों के बनाने में मदद करना। सरल रूप में आप इसे ऐसे समझे की यह मनुष्य के रोजमर्रा के कार्य से जुड़ी याददाश्त होती है। इसका कार्य विशेष धटनाओं, स्थानों आदि को पहचान करना है। जापानी वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में पाया कि हर रोज पैदल चलने से वृद्ध व्यक्तियों की याददाश्त बढ़ती हैं।
क्या पैदल चलने से डिमेंशिया सिंड़्रोम में लाभ होता हैं? | Does Walking benefits in Dementia Syndrome in Hindi?
वैज्ञानिकों के अनुसार अल्ज़ाइमर रोग और डिमेंशिया सिंड़्रोम दोनों ही मानसिक विकार हैं। इन दोनों के लक्षण एक दूसरे से इतने मिलते- जुलते हैं। की इन की पहचान करना और उसके अनुसार इलाज करना किसी एकसट्स के द्वारा ही संभव है। परंतु आपको यह पता होना ही चाहिए कि डिमेंशिया कोई बीमारी नहीं है। यह एक सिंड़्रोम है। सिंड़्रोम का अर्थ है कि कई रोगों के लक्षणों का एक साथ होना है। जैसे-
- स्मरण शक्ति में कमी
- सोचने में कठिनाई होना
- समस्याओं को ना सुलझा पाना
- तार्किक बुद्धि का काम ना करना
- शब्दों के चुनाव में कठिनाई आना
इन सभी लक्षणों के कारण किसी भी व्यक्ति को अपनी रोजमर्रा के कार्य करने में कठिनाई आती है। अल्ज़ाइमर और डिमेंशिया संसाधन के अनुसार प्रतिदिन पैदल चलने से डिमेंशिया को रोकने में मदद मिलती है। याददाश्त में सुधार होता है। जिससे वृद्ध व्यक्तियों में आत्मविश्वास बड़ने में मदद मिलती है।
क्या वॉक करने से इम्यूनिटी बढ़ती है? | Dose Walking build immunity?
जी बिलकुल वॉक करने से इम्यूनिटी बढ़ती है। ऊपर आप समझ ही चुके हैं कि पैदल चलने से शरीर को अधिक मात्रा में ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है। जिससे शरीर के सभी तंत्रों को अपना कार्य ठीक से करने में मदद मिलती है। जब सभी तंत्र अपना कार्य ठीक से करते हैं तो हम कई गंभीर रोगों जैसे-
- दिल से संबंधित रोगों
- डायबिटीज रोग
- ब्लड प्रेशर
- कैंसर
आदि से स्वयं की रक्षा करने में सफल होते है। जिसका सीधा अर्थ है कि हम बे मतलब की दवाओं को खाने से बच जाते हैं। जिसका सीधा असस यह होता है कि हमारे इम्यून सिस्टम को अपना कार्य ठीक से करने में मदद मिलती है।
क्या पैदल चलने से बुद्धिमता बढ़ती है? | Dose walking increase Intelligence in Hindi?
आप यह तो समझ ही गए हैं कि टहलने से शरीर में ऑलक्सीजन और ग्लूकोज की मात्रा ठीक रहती है। परिणाम स्वरूप मस्तिष्क को बेहतर कार्य करने में मदद मिलती है। जिससे टहलने वाले व्यक्ति में बुद्धिमता में वृद्धि होती है।
क्या पैदल चलने से नींद अच्छी आती है? | Dose waking helps in good sleep in Hindi?
जब हम पैदल चलते हैं तो हमारे शरीर के सभी अंगों को गति मिलती है। जिससे प्रत्येक अंग को अपना कार्य करना करने में मेहनत करनी पढ़ती है। जिसका सीधा असर होता है कि वह थकते हैं। यानी की वह ऊर्जा की खपत करते है। थकने से उन्हें आराम की जरूरत पड़ती है। परिणाम स्वरूप पैदल चलने वाले व्यक्तियों को नींद अच्छी आती है।
रोचक जानकारियाँ | interesting information’s
महात्मा गांधी जी केवल 25 वर्षों में करीब 79,000 किलोमीटर पैदल चले थें। जिस दिन उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में टॉलस्टाय आश्रम की स्थापना की उस दिन वे एक दिन में ही 51 मील (82 किलोमीटर) चले थें। अपनी दांडी यांत्र के दौरान वे करीब करीब 390 किलोमीटर चले थें। यदि उनके जीवनकाल में उनके पैदल चलने का औसत निकाला जाएं तो वे प्रतिदिन 18 किलोमीटर पैदल चलते थें। इस लिहाज से वे पुरी दुनिया के दो चक्कर लगा सकते थें।
निष्कर्ष | Conclusion
आशा है इस लेख के माध्यम से आप ‘पैदल चलने के 15 चौका देने वाले फायदों को अधिक बेहतर तरीके से जान पाएं होंगे। सही मायनों में अब आप अपनी सेहत की रक्षा करने के लिए सही जानकारी के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। यदि यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो कृपा अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें। इस जानकारी को अपने मित्रों और परिवार वालों के साथ Facebook, Quora आदि Social media platform पर share जरूर करें।
धन्यवाद !
Very intalejon good
Hanji ye bahut acha hai
Apka bahut bahut dhanyavaad