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योग का अर्थ | meaning of yoga in Hindi

योग शब्‍द का सामान्‍य अर्थ है- “जोड़ना” या “मिलाना” है।

पर किसको “जोड़ना” या “मिलाना” है? आप सबके मन में भी यह प्रश्‍न उठ रहा होगा।तो इसका सरल-सा उत्‍तर है- मनुष्‍य के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्‍वरूप को आपस में जोड़ने या मिलाने का नाम ही योग है।

दरअसल योग ही वह माध्‍यम है जिसके द्वारा व्यक्ति अपने शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्‍वरूप में संतुलन लाकर संतुलित जीवन जी सकता है। आप इसे यू भी समझ  सकते हैं कि आत्‍मा को परमात्मा से मिलाने का नाम ही योग है। साफ़ शब्‍दों में समझें तो स्‍थूलता से सूक्ष्‍मता की ओर जाना अथवा बह‍िरात्‍मा से अंतरात्‍मा की ओर जाना योग है।   

योग शब्‍द की उत्‍पति/ उद्गम |Origin of the word yoga  

योग शब्‍द की उत्‍पति संस्कृत की “युज” घातु से हुई है। “युज” धातु में “धञ” प्रत्‍तय जोड़ने से योग शब्‍द उत्‍पन्‍न हुआ है।

योग शब्‍द का व्‍यावहारिक अर्थ |Practical meaning of the word yoga

योग का क्षेत्र बहुत ही विस्‍तृत है। य‍ही कारण है कि योग शब्‍द का व्‍यावहारिक अर्थ बहुत ही व्‍यापक है। जिस कारण हमें योग के अनेक अर्थ देखने को मिलते हैं। उनमें से कुछ इस प्रकार हैं-

  1. योग मूल रूप से अध्‍यात्मिक अनुशासन है जो अत्‍यंत सूक्ष्‍म विज्ञान पर आधारित है।
  2. योग स्‍वास्‍थ्‍य जीवन जीने की कला और विज्ञान दोनों है।
  3. योग का कार्य व्‍यक्तिगत चेतना को सार्वभौमिक चेतना के साथ जोड़ना है।
  4. योग मनुष्‍य और प्र‍कृति तथा मन और शरीर के बीच एक आदर्श सामंजस्‍य स्‍थापित करता है।
  5. ऐतिहासिक रूप से योग और आयुर्वेद दोनों एक दूसरे से धनिष्‍ठ रूप से जुड़े हैं और दोनों ही एक दूसरे के साथ मिलकर विकसित हुए है। इसलिए आयुर्वेद में बताया  गए है आयुर्वेद के तीन दोष-  (i) वात, (ii) पित्‍त (iii) कफ को योग संतुलित करता है।
  6. उपनिषद् में वर्णित है कि ‘यथा पिण्‍डे तथा ब्रह्मांडे’ जिसका अर्थ है कि हमारा यह शरीर ब्रह्मांड की ही अभिव्‍यक्ति है। जो तत्‍व और शक्त्यिां इस ब्रह्मांड का निर्माण करती है, वही हमारे शरीर का भी निर्माण करती है। योग के माध्‍यम से हम यह अनुभव कर पाते हैं।
  7. आज आधुनिक वैज्ञानिक यह स्‍वविकार करते हैं कि ब्रह्मांड में सब कुछ एक समान कवांटम वातावरण का एक रूप मात्र है। जो व्‍यक्ति अस्थित्‍व की इस एकता का अनुभव करता है, उसे योग में कहा जाता है अर्थात् वही योगी है। योगी मुक्ति, निर्वाण या मोक्ष की स्थि‍तियों को प्राप्‍त कर लेता है।
  8. योग का मुख्‍य लक्ष्‍य– आत्‍म-साक्षात्‍कार है। इसके लिए योगी को सभी कष्‍टों पर विजय प्राप्‍त कर जीवन के सभी पहलुओ को स्‍वतंत्रा के साथ जीना है। इस प्रकार स्‍वास्‍थ्‍य और सद्भावना ही योग कर प्राथमिक लक्ष्‍य है।
  9. योग एक आंतरिक विज्ञान है जिसमें रण‍नीतियों का ए‍क वर्गीकरण शामिल है। इन रण‍नीतियों के माध्‍यम से ही लोग इस मिलन को समझ सकते हैं और अपने भाग्य पर अधिकार कर सकते हैं।  

निष्कर्ष:

योग न केवल एक व्यायाम है, बल्कि यह एक जीवनशैली है जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ बनाए रखने में हमारी मदद करती है। यदि आप नियमित रूप से योग करते हैं, तो आपका जीवन अधिक शांतिपूर्ण और संतुलित बन सकता है।

आपकी राय महत्वपूर्ण है!

✨ क्या आप योग करते हैं? अगर हां, तो कौन-सा योगासन आपका पसंदीदा है? हमें कमेंट में बताएं! 😊

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Nalni A Bahel

मैं Nalni A Bahel, Paramhindi.com की Author & Founder हूँ।  मैने Delhi University से बी. कॉम और IGNOU से एम. ए. हिंदी किया है। मैं गंगा इंटरनेशनल स्‍कूल की एक ब्रांच की पूर्व अध्‍यापिका हूँ। पिछले कई वर्षों से मैं स्‍कूली पुस्‍तकें छापने वाले, कई प्रसिद्ध प्रकाशकों के साथ काम किया है। स्‍व‍तंत्र लेखक के रूप में कार्य करते हुए, मैंने कई हिंदी पाठ्य पुस्‍तकों और व्‍याकरण की पुस्‍तकों की रचना की है। मुझे नई-नई जानकारियाँ प्राप्‍त करना और उसे दूसरों के साथ बाँटना अच्‍छा लगता है।

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