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वेट लॉस और फैट लॉस में अंतर | Difference between Weight Loss and Fat Loss

अक्‍सर देखा हैं जाता हैं कि अधिकतर लोगों को Difference between Weight Loss and Fat Loss अर्थात वेट लॉस और फैट लॉस में अंतर ही पता नहीं होता। इसलिए वह इच्‍छित परिणाम प्राप्‍त नहीं कर पातें। ज‍िसका नतीजा यह होता है क‍ि वह अपने को तंदुरूस्‍त नहींं रख पाते। कि‍ंतु आप सबने यह कथन तो सुना ही होगा- स्‍वस्‍थ शरीर में ही स्‍वस्‍थ मस्तिष्‍क का निवास होता है।“ निश्‍चित रूप से आप भी इस कथन को अपने जीवन का हिस्‍सा भी बनाना चाहते होंंगे।

वास्‍तव में जब हम अपने को तंदुरूस्‍त रखने के लिए कदम उठाते हैं, तो कभी- कभी होता यह है कि सही जानकारी के आभाव में हम करना कुछ चाहते हैं और हो कुछ जाता है। अत: सही जानकारी का होना परम आवश्‍यक हैं।आज आपको इस लेख के माध्‍यम से वेट लॉस और फैट लॉस में अंतर की सही जानकारी प्राप्‍त होगी। तो शुरू करते हैं-

वेट लॉस और फैट लॉस में अंतर | Weight loss and Fat loss difference

वेट को हम हिंदी में ‘वज़न’ या ‘भार’ कहते हैं। इसी तरह फैट को हिंदी में ‘वसा’ या ‘चर्बी’ कहते हैं। आइए दोनों के बीच के अंतर को जानें—

वेट (weight) फैट (fat)
1) वेट (वज़न/भार) बढ़ने से हमारे शरीर के भार में वृद्धि होती है1) जबकि फैट (चर्बी/वसा) बढ़ने से हमारी मोटाई में वृद्धि होती।
2) वेट को नापने की इकाई ‘किलोग्राम’ या ‘पाउंड’ है।  2) जबकि फैट को नापने की इकाई ‘इंच’ या ‘सें‍टीमिटर’ हैं। 
3) वेट को हम भार तोलने की मशीन (weighing machine)  पर तोलते हैं।3) जबकि फैट को हम इंची टेप (measurement tap) से मापते हैं।
4) हमारे वेट में हर घड़ी परिवर्तन होता रहता है। हम जैसे ही अधिक खाना खाकर या एक बड़ा गिलास पानी पी कर वेट तौलने वाली मशीन पर खड़े होते हैं, हमारे वेट में परिवर्तन साफ दिखाई देता है।4) जबकि फैट में ऐसा परिवर्तन नहीं होता।
5) वेट दो प्रकार के होते हैं-
(i) Lean body mass (LBM) (चर्बी रहित वज़न)     
(ii) Fat mass (FM)  (चर्बी सहित वज़न)              
5) मानव शरीर में वसा तीन प्रकार से संग्रहीत होता है–     (i) Essential fat (आवश्‍यक चर्बी)    (ii) Subcutaneous fat  (त्‍वचा के नीचे की चर्बी) (iii) Visceral fat (आंत की चर्बी)
6) इस प्रकार वेट एक व्‍यापक टर्म हैं। जिसमें Fat mass (FM) अर्थाथ चर्बी सहित वज़न  शामिल होता हैं।6) जबकि फैट के कारण वेट भी बढ़ जाए ऐसा हो यह जरूरी नहीं है।  
वेट लॉस और फैट लॉस में अंतर

अब तो आप वेट और फैट के बीच के अंतर को जान गए हैं। तो आइए अब वेट लॉस और फैट लॉस हमारे शरीर में कैसे काम करते हैं इसे जानते हैं-

वेट लॉस कैसे काम करता है? | How weight loss works

जैसे कि आप सब जानते है कि हमारे शरीर का वज़न = मांसपेशियों + हडडियों + अंगों + तरल पदार्थ (पानी) + वसा से मिलकर बना होता हैं।

जब हम वज़न कम करना चाहते हैं तो हमें दो स्‍तर पर कार्य करने की आवश्‍यकतर होती है-

(i) कैलॉरी के स्‍तर पर – हम दिनभर में जितनी कैलॉरी ले रहे थे अब हमें उस मात्रा से कम कैलॉरी लेनी होगी। यदि हम पहले के सामान ही कैलॉरी लेते रहेंगे तो हमारा शरीर अपनी प्रकिया के अनुसार बची हुई कैलॉरी को ट्राइग्लिसराइड्स में बदलकर फैट के रूप मे कोशिकाओं में जमा करता रहेंगा और हम अपने लक्ष्‍य तक नहीं पहुँच पाएंगे।

(ii) शारीरिक क्रियशीलता के स्‍तर पर – दूसरी तरफ जब हम वेट लॉस का प्‍लान करते हैं तो हम शारीरिक व्‍यायाम जैसे रनिंग और कार्डिओ एक्‍सरसाइज करते हैं। शरीर की कोशिकाओं में जमा फैट खर्च होने लगता है। इस प्रक्रिया को कैलॉरी बर्न (calories burn) कहते हैं।तब हम सही दिशा में आगे बढ़ते है।     

वेट लॉस करते समय रहे सावधान   | Be careful while losing weight

बहुत से लोग वज़न कम करते समय यह गलती करते हैं कि कम केलॉरी वाला भोजन खाने की अपेक्षा कम भोजन खाना शुरू कर देते हैं। जिस वज़ह से भोजन में प्रोटीन की मात्रा बिलकुल ना के बराबर हो जाती हैं। जिसका खामियाजा उन्‍हें बाद में देखने को मिलता है। जैसे-

  • जब वह भविष्‍य में एक्‍सरसाइज करना बंद कर देते हैं, तो कुछ दिनों बाद ही उनका वेट पहले से ज्‍यादा या उतना ही हो जाता है। 
  • उनकाा इम्‍यून सिस्‍टम भी कमज़ोर हो जाता है।
  • कुछ समय बाद उन्‍हें शरीर में कमज़ोरी भी महसूस होने लगती है।

यह सब इसलिए होता है, क्‍योंकि उन्‍होंने गलत तरीके से अपना  वज़न कम किया होता है। जिसका परिणाम यह होता है वे –  निरोगी होने की बजाए रोगी हो जाते हैं।     

फैट लॉस कैसे काम करता है? |How fat loss works

जब हम शरीर में जमी अतिरिक्‍त चर्बी को घटाने की बात करते हैं, तो उसे फैट लॉस कहते हैं। सवाल यह है कि…

फैट कहाँ पाया जाता है? | Where is fat found?

फैट शरीर में आमतोर पर  जांधों (thighs), पेट (belly), और कूल्‍हों (hips) के आस- पास जमा होता है। केवल यही नहीं कई बार फैट हमारे ह्दय की धमनियों के अंदर यानी रक्‍त बहाने वाली नसों के अंदर जमा हो जाता है और धीरे-धीरे उन नसों का आकार कम होने लगता है। यह स्‍थिति बहुत खतरनाक है।

जब हम फैट कम करना चाहते हैं तो हमें दो स्‍तर पर कार्य करने की आवश्‍यकतर होती है-

(i) कैलॉरी के स्‍तर पर – हमें अपनी कैलॉरी की मात्रा में कमी करनी होगी ताकि शरीर को कम ताकि शरीर को कम ऊर्जा मिले। तब हमारा शरीर पहले से एकत्र चर्बी को खाना शुरू कर देता है। इससे फैट लॉस तो होता है पर कभी-कभी हमारी मसल्‍स (मांसपेशियाँ) भी कम हो जाती है। जो हमारी सेहत के लिए अच्‍छा संकेत नहीं हैं।

(ii) शारीरिक क्रियशीलता के स्‍तर पर – दूसरी तरफ जब हम फैट लॉस के लिए जिम जाते हैं और स्‍ट्रेंथ ट्रेनिग एक्‍सरसाइज करते हैं तो यह भी हो सकता है कि हमारी चर्बी कम हो जाए और मसल्‍स (मांसपेंशियाँ) बन जाएं।यह एक अच्‍छा संकेत है। पर इससे हमारा वेट भी बढ़ने की संभवना रहती है।

वेट लॉस करते समय की जाने वाली गलतियाँ | Mistakes made during weight loss

फैट लॉस के लिए हमें सही डाइट प्‍लान के साथ- साथ quality of food की आवश्‍यकता होती है। अत: हमे अपने भोजन में से कार्बोहाइड्रेट और हानिकारक फैट (घी, तेल, मक्‍खन, पनीर आदि) की मात्रा कम कर देनी चाहिए और माइक्रोनयूट्रिएंट्स (macronutrient) (विटामिन और मिनरल) की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए।

Weighing Machine
Weighing Machine

कौन सा बेहतर है- वेट लॉस या फैट लॉस | Which one is better- weight loss or fat loss

विशेषज्ञों के अनुसार फैट लॉस करना अधिक अच्‍छा है क्‍योंकि जब हम अपना ध्‍यान फैट लॉस करने पर केंद्रित करते हैं तो हमारा वेट अपने आप ही कम हो जाता है।

फैट लॉस करने का सबसे अच्‍छा तरीका | Best method to loss fat

नई दिल्‍ली स्थित AIIMS हॉस्पिटल के पूर्व संस्‍थापक डॉ. बिमल छाजर के अनुसार फैट लॉस करने का सबसे अच्‍छा तरीका है अपने खान-पान में बदलाव करना।

हमने अपने गलत खान-पान के परिणाम स्‍वरूप ही अपना वेट और फैट दोनों को गेन किया है। अत: हम अपने खान-पान  में बदलाव कर तथा सही एक्‍सरसाइज कर अपना फैट कम कर  सकते है। फैट लॉस होने से स्‍वयं ही हमारा वेट भी नियंत्रित हो जाता है।

निष्‍कर्ष | Conclusion

अनेकों शोधों द्वारा यह बात सिद्ध हो चुकी है कि जब हम अपने आहार में दैनिक उपयोग के लिए आवश्‍यक कैलॉरी से कम कैलॉरी लेते है और एक्‍सरसाइज करते है। तब शरीर में ए‍कत्र फैट बर्न होता है और नया फैट नहीं बनता। एक्‍सरसाइज करने से हम शारीरिक रूप से सक्रिय तथा स्‍वास्‍थ रहते हैं।      

आशा करते हैं कि यह जानकारी आपको वेट लॉस और फैट लॉस को जानने में सहायक होगी। यदि यह जानकारी आपको अच्‍छी लगी हो तो कृपा अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें। इस जानकारी को अपने मित्रों और परिवार वालों के साथ इसे Facebook , Quora पर शेयर जरूर करें।

धन्‍यवाद !

Nalini Bahl

मैं Nalini Bahl, Paramhindi.com की Author & Founder हूँ।  मैने Delhi University से बी. कॉम और IGNOU से एम. ए. हिंदी किया है। मैं गंगा इंटरनेशनल स्‍कूल की एक ब्रांच की पूर्व अध्‍यापिका हूँ। पिछले कई वर्षों से मैं स्‍कूली पुस्‍तकें छापने वाले, कई प्रसिद्ध प्रकाशकों के साथ काम किया है। स्‍व‍तंत्र लेखक के रूप में कार्य करते हुए, मैंने कई हिंदी पाठ्य पुस्‍तकों और व्‍याकरण की पुस्‍तकों की रचना की है। मुझे नई-नई जानकारियाँ प्राप्‍त करना और उसे दूसरों के साथ बाँटना अच्‍छा लगता है।

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