बादाम खाने के फायदे और नुकसान
बादाम खाने के फायदे और नुकसान जानने से पहले बादाम के विषय में कुछ रोचक जानकारी आपको पता होनी चाहिए ताकि आप बादाम खाने के फायदें और नुकसान को और अच्छे से समझ सकें। यह तो आप जानते ही होंगे कि बादाम को अंग्रेजी में ‘आल्मंड’ (Almond) कहते है। पर शायद आप को यह ना पाता हो कि बादाम मेवों का राजा (king of nuts) भी कहलाता है और राजा वही हो सकता है, जिसमें खुबीयाँ हो। मैं आज आपको इस लेख के माध्यम से बादाम में पाई जाने वाली खुबीयों से परिचित करवाऊंगी। ताकि आप अपनी सेहत की रक्षा करने में सक्षम हो सकें। सबसे पहले यह जान लेते है कि बादाम की उत्पति कहाँ हुई और वर्तमान में बादाम की खेती कहाँ हो रही है? ताकि आप बादाम के फायदों को जानने के बाद उसे खरीदते समय कोई गलती ना करें। तो शुरू करते हैं …
बादाम की उत्पति कहाँ हुई | Origin of Almond in Hindi
बादाम की उत्पति दक्षिण-पश्चिम एशिया में मानी जाती हैं। आप में से बहुत लोगों को शायद यह ना पता हो कि बादाम की खेती वर्तमान में कहाँ हो रही है? पर कोई बात नहीं। इस प्रश्न का उत्तर है…
बादाम की खेती वर्तमान में कहाँ हो रही है? | Where is Almond currently being cultivated in Hindi
वर्तमान में बादाम की खेती- बाड़ी करने वाले प्रमुख देश-
- भारत
- चीन
- अमेरिका
- स्पेन
- ईरान
आदि हैं। यदि भारत की बात करें तो बादाम की खेती जम्मू- कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में हो रही हैं।
यह भी जानें-
1 बादाम का सबसे ज्यादा उत्पादन संयूक्त राज्य अमेरिका में होता है। उसके बाद स्पेन और ईराक में।
2 विश्व में, बादाम के कुल उत्पादन का लगभग 70% उत्पादन केवल अमेरिका में ही हो रहा है।
3 अमेरिका के कैलिफोर्निया प्रांत में बादाम की 25 प्रकार की किस्में उगाई जाती हैं।
4 बादाम का वैज्ञानिक नाम ‘प्रनुस डाल्शिस’ है।
आइए अब बादाम में पाएं जाने वाले पोषक तत्वों को जान लेते हैं। ताकि आप बादाम खाने के फायदों और नुकसानों को सरलता से समझ पाएं। इस कार्य के लिए मैं आपकी विश्लेष्णात्मक बुद्धि (analytical intelligence) का प्रयोग करूंंगी । ताकिआप स्वयं निर्णय कर पाएँ। तो शुरू करते हैं…
बादाम में पाएं जाने वाले पौषक तत्व कौन-से हैं? | Nutritional Fact in Almonds in Hindi
बादाम में अनेक पौषक तत्व पाएं जाते हैं। जैसे-
- विटामिन- ई | Vitamin- E
- विटामिन- एफ | Vitamin- F (Fatty acid)
- विटामिन- बी-9 | Vitamin- B-9 (Folic acid)
- विटामिन- बी-6 | Vitamin- B-6
- ज़िंक | Zinc
- मैग्ननीशियम | Magnesium
- मैंगनीज | Manganese
- पोटेशियम | Potassium
- फैट | Fat
- कैलॉरी | Calories
- कार्बोहाईड्रैट | Carbohydrate
- फाइबर | Fiber
- कैल्शियम | Calcium
- फॉस्फोरस | Phosphorous
संयुक्त राज्य अमेरिका के कृषि विभाग (USDA) के अनुसार 100gm बादाम में पाएं जाने वाले पौषक तत्व हैं-
बादाम | Value | 100gm |
प्रोटीन | Protein | 21.15 | g |
फैट | Fat | 49.93 | g |
कार्बोहाईड्रैैट | Carbohydrate | 21.55 | g |
फाइबर | Fiber | 12.50 | g |
शर्करा | Sugar | 4.53 | g |
कैल्शियम | Calcium | 269 | mg |
आयरन | Iron | 3.71 | mg |
मैग्ननीशियम | Magnesium | 270 | mg |
फॉस्फोरस | Phosphorous | 480 | mg |
पोटेशियम | Potassium | 733 | mg |
जस्ता |Zinc | 3 | mg |
विटामिन- ई | Vitamin- E | 25.63 | mg |
थायमीन (विटामिन- बी1) | Vitamin- B1 | 0.24 | mg |
राइबोफ्लेविन (विटामिन- बी2) | Vitamin- B2 | 0.8 | mg |
नायासिन (विटामिन- बी3) | Vitamin- B3 | 4 | mg |
विटामिन- बी6 | Vitamin- B6 | 0.13 | mg |
फोलेट (विटामिन- बी9 | Vitamin- B9 | 29 |
विशेष- बादाम में अधिकांशत: मोनो अनसैचुरेटेड वसा (monounsaturated) पाई जाती है। आगे बढ़ने से पहले बादाम की तासीर को जानना फायदेमंद रहेगा।
बादाम की तासीर कैसी होती है? | Badam ki taseer kasi hoti hai in Hindi
आयूर्वेद के अनुसार बादाम की तासीर गरम होती है। इसलिए इसका प्रयोग भिगोकर ही करना चाहिए। आइए अब बादाम खाने के फायदों को समझते हैं-
बादाम खाने के फायदे | Benefits of eating Almonds in Hindi
अब आप बादाम खाने के फायदों को एक-एक कर समझें-
बादाम खाने का फायदा- याददाश बढ़ाने में | Almonds helps to increase memory in Hindi
बादाम खाने से हमारी याददाश अच्छी होती हैं; दिमाग तेज़ होता है; एकग्रता बढ़ती है। क्योंकि बादाम में विटामिन-ई और ज़िंक पाया जाता है। जहां विटामिन-ई शरीर की संज्ञानात्मक गिरावट (Cognitive decline) को कम करता है। वहीं ज़िंक दिमाग की कोशिकाओं (Brain cells) की रक्षा करता है। इतना ही नहीं बादाम याददाश बढ़ाने वाले रसायन ‘डोपामाइन’ (dopamine) और ‘एड्रेनालाईन’ (adrenaline) के उत्पादन को भी बढ़ाता है।
बादाम खानेका फायदा- केलोस्ट्रोल कम करने में | Almonds helps to control bad cholesterol in Hindi
सन् 2002 में अमेरिका हार्ट एसोसिएशन जर्नल में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी। जिसके अनुसार, बादाम को नियमित रूप से खाने से LDH केलोस्ट्रोल को 15% तक कम करने की बात सामने आई थी।
बादाम में असंतृप्त वसा यानि अनसैचुरेटेड फैट (non-saturated fat), ओमेगा-3 और ओमेगा- 6 फैटी एसिड पाएं जाते हैं। जो हमारे शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल यानि LDH कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं। जिससे धमनियों में होने वाली बलॉकेज से बचाव होता हैं।
बादाम का फायदा- खुबसूरत त्वचा प्राप्ति में | Almond good for skin health in Hindi
चूँकि बादाम में विटामिन-ई की मात्र अधिकहोती है। इसलिए बादाम एक अच्छा एंटीऑक्सिड़ेंट है। यही कारण है कि सदियों से बादाम खुबसूरती बढ़ाने में सहायक रहा है।
आयूर्वेद के अनुसार– यदि आप बादाम का पाउडर बनाकर उस में थोड़ी हल्दी और कुछ बूँदे दूध या गुलाब जल मिलाकर पेस्ट बना कर उसे अपने चेहरे पर लगाते हैं। तो आपके चेहरे की झुरियाँ ठीक होने लगती हैं। आपकी त्वचा जवां दिखने लगती है। यही नहीं बादाम के तेल की एक महीना नियमित रूप से मालिश करने से सनबर्न और आँखों के नीचे के डार्क सर्कल भी ठीक होने लगते है।
आल्मड खाने का फायदा- हड्डियाँ मज़बूत करने में | Almond good for strong bones in Hindi
बादाम में विटामिन- ई, फास्फोरस, और कैल्शियम पाया जाता है। अत: रोजाना भिगे हुए बादाम खाने से हड्डी संबंधित रोग जैसे- ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) आदि से बचाव होता है।
आयूर्वेद के अनुसार- यदि छोटे बच्चों की बादाम तेल से मालिश की जाए तो उनकी हड्डियाँ मज़बूत होती हैं।
बादाम तेल का फायदा- बालों की ग्रोथ को बढ़ाने में | Badam tel ha for good hair growth in Hindi
चँकि बादाम में पाएं जाने वाले सभी पोषक तत्व बादाम तेल में भी पाएं जाते हैं। इसलिए बादाम तेल से सिर की मालिश करने से बालों संबंधित सभी रोगों जैसे-
- बालों का झड़ना,
- रूसी,
- दो मूँह बाल
- असमय बालों का झड़ना
- बालों की ग्रोथ कम होना
- बेजान रूखे बाल
- बालों में चमक ना होना आदि।
से छुटकारा मिलता है। अत: आप असमय गंजा होने से बच जाते हैं। हेल्थ एक्सपर्टस का मानना है कि ज्यादातर बालों की प्रॉब्लम मैग्ननीशियम की कमी के कारण होती है और बादाम मैग्ननीशियम प्रकृतिक स्रोत्र है।
बादाम का फायदा- डायबिटीज रोग नियंत्रित करने में | Almond helps in controlling diabetes disease in Hindi
आहार विशेषज्ञों के अनुसार नियमित रूप से भिगे हुए बादाम खाने से, ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रि रखा जा सकता है। क्योंकि बादाम में मौजूद फाइबर, रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को धीर-धीरे छोडते है। जिसके परिणाम स्वरूप डायबिटक रोगी का ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। इतना ही नहीं शोध से इस बात का भी पता चला है- नियमित रूप से भिगे हुए बादाम खाने से Type-2 Diabetes रोग से बचा जा सकता है।
बादाम का फायदा- आँखों की रोशनी बढ़ाने में | Badam khaane ka fayda aankhoo kee roshanee badhaane mei
हेल्थ एक्सपर्टस आँखों की रोशनी बढ़ाने में विटामिन- ई और ओमेगा-3 फैटी एसिड को अवश्यक पोषक तत्व मानते है। बादाम में यह दोनों ही तत्व प्राकृतिक रूप से मौजूद हैं। हमारे शरीर में मौजूद मुक्त कण (Free Radicals) {जो अस्थिर मॉलेक्यूल्स की तरह काम करते हैं।} आँखों के सेल्स को नुकसान पहुँचा सकते है। इसलिए विटामिन- ई जो कि एक अच्छा एंटीऑक्सीड़ेंट है। वह Free Radicals के प्रभाव को कम करने में मदद करता है। इसी प्रकार ओमेगा-3 फैटी एसिड, डायबिटीज रोग के दौरान आँखों में होने वाली बीमारी ‘डायबिटीजरेटिनोपथी‘; आँखों की सूजन और डाई आई की समस्या को (आँसूओं के प्रोडक्शन को बढ़ाकर) दूर करता है।
आयुर्वेद के अनुसार- ‘बादाम’, ‘सोंफ’ और ‘सफेद मिर्च’ इन तीनों को बराबर मात्र में ले। फिर इन्हें पीस कर पॉउडर बना ले। इस पॉउडर को जार में भरकर रख ले। नियमित रूप से इस पॉउडर का एक चम्मच खाने से आँखों की रोशनी बढ़ने लगती है।
बादाम खाने का फायदा- इम्यूनिटी बढ़ाने में| Benefits of eating almonds to increase immunity in Hindi
बादाम खाने से पाचन तंत्र ठीक रहता है। आयुर्वेद के अनुसार बादाम में पाएं जाने वाले पोषक तत्व, हमारे शरीर में 7 प्रकार की धातुओं का पोषण करते हैं। जिससे बॉड़ी का लुब्रिकेशन होता है। नसों को शक्ति मिलती है। मांसपेशियों की कमज़ोरी दूर होती है। दुबलापन, थकान और एनीमिया रोग इत्यादि दूर होते हैं। सारांश यह है कि नियमित रूप से भिगे हुए बादाम खाने से विभिन्न प्रकार के रोगों पैदा करने वाले कारक हमसे दूर रहते है। जिसके परिणाम स्वरूप हमारी इम्यूनिटी बढ़ने लगती है।
बादाम का फायदा- मानसिक रोग दूर करने में | Eating almonds cure mental illness in Hindi
बादाम का सेवन केवल शारिरीक स्तर पर ही नहीं मानसिक स्तर पर भी फायदेमंद है। भिगे हुए बादाम खाने से विभिन्न प्रकार के मानसिक रोग जैसे-
- डिप्रैशन,
- एग्जाइटी डिसऑर्डर,
- इनसोम्निया (अनिद्रा),
- चिंता
- घबराहट
आदि में छुटकारा मिलता है। वास्तव में ओमेग-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड बादाम में पाया जाता है। जो दिमाग संबंधित परेशानियों को दूर करने में मदद करते हैं।
आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार– यदि बादाम, दालचीनी और हल्दी का काढ़ा बनाकर रात को सोने से पहले पिया जाए तो मानसिक रोगों विशेषकर इनसोम्निया से छुटकारा मिलता है। इसके लिए 20-22 बादामों को सुबह भिगोकर रख ले। रात को उन्हें छीलकर उसको पीसकर पेस्ट बना ले। इस पेस्ट तथा बहुत कम मात्रा में दालचीनी तथा बहुत कम मात्रा में ही हल्दी को एक गिलास दूध में मिलाकर उबाल ले। इस काढ़े को रात को सोने से गरम- गरम पीएं। ऐसा कुछ दिन नियमित रूप से करने से मानसिक रोगों दूर होते हैं।
बादाम खाने का फायदा- वज़न कम करने में | Badam helps for weight loss in Hindi
न्यूट्रियशन एक्सपर्ट के अनुसार बादाम में फाइबर होता है। फाइबर का काम है रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को धीर-धीरे छोड़ना। इस कारण 10-11 भिगे हुए बादामों को नियमित रूपसे खाने से व्यक्ति का पेट भरा-भरा रहता है। जिस कारण व्यक्ति ज्यादा खाना खाने से बच जाता है। जो व्यक्ति अपना वज़न कम करना चाहते हैं। यदि वह बादाम का सेवन नियमित रूप से करते हैं, तो वह बिना अपनी डाइट को कम किए अपना वज़न नैचुरल तरीके से कम कर सकते है।
आल्मड का फायदा- जन्म दोषों पर रोक लगाने में | Eating almond prevents birth defects in Hindi
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार बादाम में फोलिक एसिड यानि कि विटामिन-9 होता है। फोलिक एसिड गर्भ में पलने वाले शिशु के मस्तिष्क तथा स्पाइनल कॉर्ड (रीढ़ की हड्डि) का विकास करने में मदद करता है। केवल यही नहीं फोलिक एसिड, भ्रण में शिशु के खराब विकास को रोकने तथा प्रीमैच्योर बर्थ और मिसकैरज को रोकने में मदद करता है।
यदि कोई महिला प्रेग्नेसी के दौरान एनीमिक हो तो डॉक्टर उसे मानव निर्मित ‘फोलिक एसिड फोलेट’ लेने की सलाह देते है। क्योंकि फोलिक एसिड रक्त में लाल रक्त कोशिकाओ के निर्माण तथा DNA के उत्पादन एवं रिपेयर करने में मदद करता है।
एक रिसर्च से इस बात का पता चला है कि जो महिलाएं कंसीव करने से लगभग एक साल पहले से फोलिक एसिड ले रही थी उनमें प्रीमैच्योर लेबर का खतरा 50% कम था।
आप सोच रहें होंगे कि प्रेग्नेंट महीला को कितनी मात्रा में फोलिक एसिड की जरूरत होती है? तो आइए उसे भी जान लेते हैं-
प्रेग्नेंट महीला को कितनी मात्रा में फोलिक एसिड की जरूरत होती है?
एक प्रेग्नेंट महीला को कितनी मात्रा में फोलिक एसिड की जरूरत होती है यह निम्न बातों पर निर्भर करता है…
- कंसीव करने की कोशिश के दौरान: 400 mg
- प्रेग्नेसी के पहले तीन महीने: 400 mg
- गर्भावस्था के चार से नौ महीने: 600 mg
- स्थनपान करावाने के दौरान: 500 mg
बादाम खाने का फायदा- कब्ज रोग दूर करने में | Almond prevents constipation in Hindi
पोषक तत्व विशेषज्ञों के अनुसार कब्ज रोग से राहत दिलाने में फाबर महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। अब यह तो सब जानते हैं कि बादाम में फाबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए नियमित रूप से भिगे हुए बादाम खाने से जहां कब्ज रोग से तो छुटकारा मिलता है। वहीं हम खुद को दो अन्य प्रकार के रोगों
- कॉलन कैंसर / बाउल कैंसर (colon cancers)
- सीने की जलन (heartburn)
से भी अपनी रक्षा करने में सक्षम बन जाते हैं।
बादाम का फायदा- फेफड़े मज़बूत करने में | Almond good for strong lungs in Hindi
हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है बादाम में पाएँ जाने वाले पोषक तत्वों से हमारे फेफड़े मज़बूत होते हैं। यदि नियमित रूप से भिगे हुए बादाम का सेवन किया जाएँ तो कोई भी व्यक्ति खुद की फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों जैसे-
- अस्थमा
- लिम्फा नोड्स में सूजन (Lymph Nodes swollen)
- साइनस इन्फेक्शन
- सांस फूलना
- सांस लेने में दिक्कत
- ब्रोन्काइटिस
आदि से रक्षा कर सकता हैं।
आयुर्वेदाचार्यों का मानना है- यदि बादाम को शुद्ध शहद के साथ मिलाकर खाया जाए तो फेफड़े मज़बूत होते हैं। इसके लिए आप कुछ बादामों को रात भर भिगो कर रख दे। सुबह उनके छिल्के उतार कर सुखा ले। फिर एक कांच के जार में भर ले ऊपर से उसमें शहद मिला दे। अब इन शहद मिले बादामों को नियमित रूप से सेवन करने से कुछ ही समय में आपके फेफड़े स्ट्रांग होने लगेंगे।
बादाम खाने का फायदा- नर्वस सस्टिम से जुड़ी बीमारियाँ दूर करने में | Almond prevents diseases associate with the nervous system in Hindi
हमारे शरीर का तंत्रिका तंत्र ही नर्वस सिस्टम है। इस सिस्टम के द्वारा ही शरीर की एक कोशिका दूसरी कोशिका को संकेत भेज सकती है और संकेतों को प्राप्त कर सकती है। इतना ही नहीं इस सिस्टम के द्वारा ही शरीर का एक अंग दूसरे अंग को सटीक और शीध्र संकेत भेज पाता है। सिग्नलों का यह आदान-प्रदान अंत: स्रावी तंत्र के द्वारा होता है। सरल शब्दों में आप तंत्रिका तंत्र को शरीरिक संवेदनाओं की प्रतिक्रिया देने और मानव शरीर को नियंत्रित करने वाली चाबी कह सकते है। न्यूट्रियशन एक्सपर्ट का मानना है कि भिगे हुए बादामों का नियमित सेवन करने से नर्वस सिस्टम से जुड़े रोग जैसे-
- सिरदर्द
- सर्वाइकल
- माइग्रेन
- टयूमर
- अल्जाइमर
- पोलियो
- मिर्गी
- पांकिंसंस रोग
आदि में काफी फायदेमंद होते हैं। क्योंकि बादाम ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी एसिड प्रकृतिक रूप से पाया जाता।
आयुर्वेदाचार्यों का मानना है– यदि बादाम के तेल की 1- 1 बूँद को नाक में डाला जाए तो माइग्रेन और साइनस रोगों से भी राहत मिलता है।
आल्मड का फायदा- यौन कमज़ोरी दूर करने में | Almond good for sexual weakness in Hindi
हेल्थ एक्सपर्टका मानना है बादाम में पाएँ जाने वाले पोषक तत्वों सेयौन कमज़ोरी दूर होती है।
बादाम खाने के नुकसान | Badam khaane ka nuksan in Hindi
बादाम खाने के फायदों के सामने बादाम खाने के नुकसान कुछ खास नहीं हैं। बादाम खाने का नुकसान तभी होता है। जब इसे अधिक मात्रा में खाया जाया या बिना भीगे बादाम खाएं जाए। आइए अधिक मात्रा में बादाम खाने के नुकसान के विषय में जानें…
बादाम खाने का नुकसान- विटामिन- ई की अधिकता | Drawbacks of eating excess almonds- excess of vitamins E in Hindi
यदि कोई व्यक्ति अधिक मात्रा में बादाम खाता है तो उसके शरीर में विटामिन- ई की मात्रा बढ़ सकती है। डॉक्टरों का मानना है कि एक स्वास्थ्य व्यक्ति को एक दिन में सिर्फ 15mg ही विटामिन- ई की जरूरत होती है। इसलिए यदि शरीर में विटामिन-ई की मात्रा बढ़ जाए तो विटामिन- ई के दुष्प्रभावों जैसे-
- दस्त लगना
- पेट फूलना
- साफ दिखाई ना देना
- सिर दर्द होना
- चक्कर आना
- सुस्ती आना
आदि हो सकते हैं।
बादाम खाने का नुकसान- फाइबर की अधिकता | limitation of eating excess almonds- Excess of fiber
यदि कोई व्यक्ति अधिक मात्रा में बादाम खाता है तो उसके शरीर में फाइबर की मात्रा बढ़ सकती है। जिस कारण फाइबर की अधिकता के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। जैसे-
- पेट मे सूजन आना।
बादाम खाने का नुकसान- मैग्नीज की अधिकता | Cons of eating excess of almonds- Excess of manganese
यदि कोई व्यक्ति अधिक मात्रा में बादाम खाता है और साथ में वह मैंग्नीज युक्त दवाई भी खा रहा है। तो शरीर में मैंग्नीज की मात्रा बढ़ सकती है। डॉक्टरों का मानना है कि एक स्वास्थ्य व्यक्ति को केवल 1.3mg से 2.3mg की ही जरूरत होती है। अत: मैंग्नीज की अधिकता के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। जैसे-
- दस्त लगना।
बादाम खाने का नुकसान- फैट की अधिकता | limitation of eating excess almonds- Excess of fat
हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है यदि कोई व्यक्ति अधिक मात्रा में बादाम और अधिक कैलॉरी वाला भोजन खाता है। उसे बर्न करने के लिए कुछ नहीं कर रहा तो कुछ समय पश्चात उसके शरीर में फैट की मात्रा बढ़ जाएँगी। फैट की अधिकता के दुष्प्रभाव है-
- मोटापा
यह तो आप सब जानते ही हैं कि मोटापा अपने साथ ढ़ेरों बीमारियों को साथ लाता है।
कडवे बादाम खाने का नुकसान- नर्वस सिस्टम में | Cons of eating sour almonds in Hindi
पोषक तत्व विशेष्ज्ञों के अनुसार कड़वे बादाम नहीं खाने चाहिए। क्योंकि कड़वे बादामों में ‘हाइड्रोसायनिक एसिड’ होता है। जो नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। इसके कारण सांस लेने में दिकक्त हो सकती है।
बादामों को पानी में भिगोकर क्यों खाना चाहिए? | Reasons why we should eat soaked almonds in Hindi
विज्ञान के अनुसार बादाम के छिल्लके में टेनिन नामक पदार्थ पाया जाता है। जो बादाम को हज़म होन से रोकता है। यानि की बादाम के सभी पोषक तत्वों को हमारी बॉडी के द्वारा अवशोषित करने से रोकता है। इसलिए हमें बादाम का छिल्का उतार कर खाना चाहिए। दूसरी ओर आयुर्वेद का मानना है कि बादाम की तासीर गरम होती। बादाम में तेल होता जो पत्ति वर्धक होता है। जो शरीर में गरमी को बढ़ा देता है। इसलिए यदि बादाम को पानी में भिगोकर खाया जाए तो वह शरीर में कम गरमी उत्पन्न करता है। इसलिए सदैव भिगे हुए बादामों का ही प्रयोग करना चाहिए। आयूर्वेदाचार्यों का कहना है कि जिन लोगों को पित्ताश्य और गुर्दें (Gall bladder and Kidney) से संबंधित कोई परेशानी हैं उन्हें बादाम नहीं खाने चाहिए।
एक दिन में कितने बादाम खाने चाहिए?
अच्छे स्वास्थ्य के लिए बादामों की मात्रा का ध्यान रखना भी जरूरी है। क्योंकि अति हर चीज़ की बुरी होती है। प्रतिदिन आप एक चौथाई कप यानि कि 20-21 बादाम तक खा सकते हैं।
निष्कर्ष | Conclusion
आशा है इस लेख के माध्यम से आपको बादाम खाने के फायदें और नुकसान भली- भांति समझ आ गया होगें। यदि यह जानकारी आपको अच्छी लगी, तो कृपया अपनी प्रतिक्रिया comment section में जरूर दें। इस जानकारी को अपने मित्रों और परिवार वालों के साथ Facebook, Quora आदि Social media platform पर share जरूर करें।
धन्यवाद !
Good information really helpful