आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) क्या है? परिभाषा और इसका प्रयोग कहाँ-कहाँ हो रहा है?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) क्या है? यदि आप यह जानना चाहते हैं तो पहले आप मेरे एक प्रश्न का उत्तर दीजिए- अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का शब्द सुनते ही आपके मस्तिक में जो सबसे पहला चित्र भरता है वह कौन-सा है? यदि वह किसी कंप्यूटर द्वारा संचालित रोबोट का है, तो आप कुछ हद तक सही सोच रहे हैं पर यह पूरी तरह से सही नहीं है।

दरअसल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक तकनीक है। जिसमे विज्ञान, इंजीनियरिंग और सॉफ्टवेयर प्रोद्योगिकी का मिश्रण हुआ है। सरल शब्दों में आप इसे कंप्यूटर विज्ञान की ही एक शाखा समझ सकते हैं।
वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का प्रयोग हमारे आस-पास अनेक स्थलों पर हो रहा है और हम सब इसका उपभोग भी कर रहे है। पर मजे की बात यह है कि हम यह नहीं जानते की हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग कर रहे हैं। यह जानकर आपको हैरानी होई होगी। इसलिए आगे बड़ने से पहले यह जान लेते है कि वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का प्रयोग कहाँ-कहाँ हो रहा है?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग कहाँ-कहाँ पर हो रहा है? | Where is Artificial Intelligence currently being used in Hindi
वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग जिन जगहों पर हो रहा है उनमें से कुछ इस प्रकार है-
- बैंकों में लगी ए.टी.एम. मशीनें,
- मेट्रो स्टेशन पर स्मार्ट कार्ड रिचार्ज करने वाली मशीनें,
- ऑफिस में उपस्थिति दर्ज करने वाली बायोमेट्रिक मशीनें ,
- वीडियो गेमस,
- हवाई जहाज को ऑटो पायलट मोड पर चलाने में,
- मौसम का पूर्वानुमान लगाने में,
- चिकित्सा शास्त्र में कई महत्वपूर्ण सर्जरी में इस तकनीक का प्रयोग हो रहा है।
- हमारा स्मार्ट फोन ए.आई. का सबसे अच्छा उदाहरण है। यह हमारे फिंगरप्रिंट, हमारे फेस, हमारी आवाज को पहचान सकता है।
- एप्पल फोन की सीरी हमारे द्वारा पूछे गए सवालों के उत्तर देने में सक्षम है।
- अमेजन की सुझाई गई खरीदारी
- ईमेल स्पैम फिलटर
- फेसबुक न्यूजफीड
- अमेजॅन की एलेक्सा
आइए अब जानते हैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को हिंदी में क्या कहते हैं?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को हिंदी में क्या कहते हैं? | What is artificial intelligence called in Hindi
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को हिंदी में ‘कृत्रिम बुद्धि’ कहते है। कृत्रिम का शाब्दिक अर्थ ‘बनावटी’ और बुद्धि का शाब्दिक अर्थ- उस शक्ति से है जिसके द्वारा कोई मनुष्य किसी किसी उपस्थित परिस्थिति के संदर्भ में सही निर्णय ले सके। सरल शब्दों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से तात्पर्य कृत्रिम ढंग से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता से है जो मनुष्य के संज्ञात्मक कार्यों को करती है। हो सकता है कि आप यह न जानते हो कि मनुष्य के संज्ञात्मक कार्य कौने-कौन से हैं? तो आगे बड़ने से पहले हम उन्हें भी जान लेते हैं ताकि हमारा विषय हमारे मस्तिष्क में एक दम साफ़ रहे।

मनुष्य के संज्ञात्मक कार्य कौन-कौन से हैं? | What are the cognitive functions of humans in Hindi
जब कोई व्यक्ति अपनी सूझ-बूझ के द्वारा अपनी किसी समस्या का समाधान करने की क्षमता रखता है, तो उसे संज्ञानात्मक माना जाता है। इस प्रकार मनुष्य के संज्ञात्मक कार्यों में आने वाले कार्य हैं– ध्यान देना, स्मरण रखना, दृश्य धारणा बनाना, वर्गीकरण, संकेतिकरण करना, योजना बनाना, सही गलत का अनुमान लगाना, समस्या को हल करना इत्यादि हमारे संज्ञात्मक कार्य है। अब आपके मन में यह प्रश्न भी उठ रहा होगा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक कौन है? तो चलिए इसे भी जान लेते हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक कौन हैं? | Who is the father of Artificial Intelligence?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक ‘जॉन मेकार्थी’ है। दसअसल 1950 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत तब हुई, जब डॉर्ट माउथ कॉलेज के ‘जॉन मेकार्थी’ को यह जिज्ञासा हुई कि क्या कोई मशीन वैसे ही सब कुछ कर सकती है जैसे कि हम इंसान कर सकते हैं। तब उन्होंने अपने कुछ साथियों मालर्विन मिन्सकी, हर्बर्ट साइमन और एलेन नेवेल के साथ मिलकर इस पर शोध कार्य आरंभ किया। और 1956 में उन्होंने अपने कॉलेज में एक कार्यशाला (सेमिनार) का आयोजन कर पहली बार ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ शब्द का प्रयोग किया और बताया कि जिस प्रकार मानव में संज्ञात्मक कार्यों को करने की शक्ति होती है, ठीक उसी प्रकार मशीनों में विज्ञान, इंजीनियरिंग और सॉफ्टवेयर तकनीक का प्रयोग कर ‘मशीनी बौद्धिकता’ को प्रदर्शित किया जा सकता है। इस प्रकार जॉन मेकार्थी ए.आई का जनक कहा जाता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का विकास क्रम | Development sequence of Artificial Intelligence in Hindi?
मानव सभ्यता के आरंभ से ही अपने कार्य मशीनों द्वारा संपन्न कराने के लिए प्रयासरत रहा है ताकि वह दूसरों से आगे रहे। अतः उसने ऐसी मशीनों का आविष्कार किया जो उसके एक इशारे पर कार्य शुरू और बंद कर सके जैसे पंखा, रेडियो, टेलीविजन, ए सी, माइक्रोवेव, ओवन, वॉशिंग मशीन आदि। धीरे-धीरे यह मशीनें हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गई अपनी इस सफलता के फलीभूत मानव की मशीनों को लेकर जिज्ञासा आसमान से आगे निकल गई आज मानव ऐसी मशीनों के निर्माण में लगा है जिन्हें मनुष्यों से आदेश लेने की आवश्यकता न हो, जो परिस्थितियों के अनुसार स्वयं ही सही निर्णय लेने में सक्षम हो।
दरअसल मशीनों की एक विशेषता यह होती है कि जब वह एक कार्य को एक बार सीख लेती है, तो उस कार्य को वह बिना थके घंटों तक करते रहने में सक्षम होती है। साथ ही मशीनों की दूसरी मुख्य विशेषता यह है कि उनके रख-रखाव में भी बहुत ही कम खर्च आता है। उदाहरण के तौर पर यदि हम बैंकों में लगी एटीएम मशीनें को ही ले तो हमें यह साफ़ पता चल जायेगा कि दो या तीन कलर्क एक दिन में जितना काम निपटते है। उतना काम एक मशीन असानी से एक दिन में पूरा कर लेती है। यही नहीं मशीनों के रखरखाव में एक व्यक्ति के वेतन से भी बहुत कम खर्च आता है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर ही वैज्ञानिकों के मन में नए-नए विचार मशीनों को लेकर आने लगे।
आज वैज्ञानिक, नित नए शोध कर मशीनों में विज्ञान, इंजीनियरिंग और सॉफ्टवेयर प्रोद्योगिकीका मिश्रण कर मशीनों में संज्ञात्मक व संवेगात्मक (Cognitive & Emotional) शक्ति को विकसित करने में लगे हैं। इसका उदाहरण 21वीं सदी का हुमनोइड रोबोट ‘सोफिया’ (Humanoid robot Sophia) है।
कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) की परिभाषा | Definition of Artificial Intelligence in Hindi?
कृत्रिम बुद्धिमता (artificial intelligence) को परिभाषित करने का काम समय समय पर अनेक विद्वानों द्वारा किया गया है। उनमें से कुछ प्रमुख परिभाषाएं निम्न प्रकार हैं-
परिभाषा | Definition 1
मानव द्वारा बनाई गई वे बुद्धिमान मशीनें जो तर्कसंगत निर्णय लेने, मानवीय रूप से कार्य करने तथा सोचने में स्वतंत्र रूप से सक्षम हो, वे सभी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की श्रेणी में आती है।
परिभाषा |Definition 2
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से तात्पर्य उस डिजिटल कंप्यूटर या कंप्यूटर नियंत्रित रोबोट से है, जिसमें वे क्षमताएं है, जो आमतौर पर एक बुद्धिमान प्राणी में काम करने के लिए होती हैं। – according to the Britannica
परिभाषा |Definition 3
एआई एक विशेष प्रकार के कंप्यूटर हैं, जो खुद से ही सीखते है। इसके लिए वह मशीन लर्निंग का प्रयोग करते है। इस प्रकार यह पारंपरिक कंप्यूटरों से भिन्न है।- प्रेट्रो डिमगो के अनुसार (प्रेट्रो डिमगो मास्टर ऑफ एल्गोरिद्म (The master of algorithm) किताब के लेखक है।)
सारांश:
उपरोक्त परिभाषाओं के अधार पर यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि- कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक तकनीक है जिसमें विज्ञान, इंजीनियरिंग और सॉफ्टवेयर प्रोद्योगिकी का मिश्रण कर मशीनों में मानव बुद्धि के अनुकरण करने की क्षमता का प्रद्शित कराना ही एआई है। दूसरे शब्दों में आप यू भी कह सकते है कि कृत्रिम बुद्धिमत्त से तात्पर्य मशीन द्वारा मनुष्यों की तरह सोचने और उनकी ही तरह कार्यों की नकल करने लिए प्रोगाम किया जाता है।